बताया कि विवेक ओबेराय ने अपनी शादी में अभिषेक को बुलाया, पर सलमान को नहीं बुलाया। कुछ और साथियों का कहना था कि ऐश्वर्या राय का संदर्भ समान होने के बावजूद अभिषेक की शादी में भी कुछ लोग नहीं बुलाए गए थे। ऐसे में शादी के बुलावे का मतलब जिंदगी बरबाद हो जाने जैसा कुछ है। कुछ लोग मानते हैं कि विवेक बाबू के पिताश्री भाजपा के सदस्य आदि हैं, इसलिए वह तगड़ी राजनीतिक दावत तथा प्रेस कांफ्रेंस के इतने शौकीन हैं कि झगड़े भी ‘लाइव’ करते हैं। वह शादी का इतना मजा लेंगे, जितना रामगोपाल वर्मा ‘कंपनी’ और ‘रक्त चरित्र’ का भी न ले सके होंगे।
दिलचस्प है कि मुझे भी विवेक ने नहीं बुलाया। मुझे सानिया ने भी नहीं बुलाया था। मेरा पक्का भरोसा है कि अगली तीन-चार और शादियों में भी मुझे नहीं बुलाया जाएगा। अभी राजस्थान के रणथंभौर में एक मशहूर विलायती एक्टर ने भी अपने ब्याह से मेरे एक प्रशंसक को दौड़ा-दौड़ाकर भगाया था। हमारी मुसीबत है कि जो हमें नहीं बुलाया, हमें नहीं बुलाता, हम उसके यहां जाए बिना नहीं रहना चाहते। भीतर बराती जीम रहे होते हैं और हम दरवाजे पर खड़े भुक्खड़ों की तरह हर बाहर निकलने से व्यंजनों की संख्या पूछ-पूछ कर ‘लाइव’ दे रहे होते हैं। हमें सड़े हुए फूल तक नहीं मिलते, पर हम उस फूलवाले का इंटरव्यू आधा घंटा खींच देने को मरे जा रहे हैं, जिसके दुल्हन की सेज के इंटरव्यू की वजह से उसकी चार शादियां बुक हो गईं।
खबरें तो और भी थीं। जैसे एक ऑटो रिक्शा चलाने वाला पुलिस से इतना नफरत करता था कि कागजात को लेकर हुई कहा सुनी में उसने एक पुलिसवाले को पेट्रोल डालकर जला दिया। दूसरी खबर में एक मां ने अपनी नवजात बच्ची को अस्पताल की ऊपरी मंजिल से फेंक दिया। एक और खबर में समाजसेवी अन्ना हजारे ने टोल नाकों की गड़बड़ियों के खिलाफ अनशन शुरू कर दिया और पांच नाकों पर यह प्रदर्शन तूफान लाने लगा। उधर मुख्यमंत्री पचास साल के हुए, उनके जन्मदिन की बधाई के साथ-साथ एक अवैध मल्टी स्टोरी में उनकी सास जी के नाम फ्लैट निकल आया।
खबरें बहुत हैं, पर चिंता में चिंतक हैं कि विवेक ओबेराय की शादी में कार्ड कैसा है; ऐश्वर्या क्या सोचेगी और नई दुल्हन का रवैया क्या होगा? उन्होंने तो आपको भी नहीं बुलाया। पहले कार्ड जुगाड़ लें, फिर आपकी सोचेंगे।
और अंत में
अगर धन खुशी का पैमाना होता तो अमीर
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