पीटीआई ।। नई दिल्ली
इंडियन ओलंपिक असोसिएशन (आईओए) की भीतरी कलह अब खुलकर सामने आ गई है। कॉमनवेल्थ गेम्स आयोजन समिति के पूर्व मुखिया सुरेश कलमाड़ी को आईओए की तरफ से जारी कारण बताओ नोटिस प्रकाश में आया है। आईओए के एथिक्स कमिशन की तरफ से जारी इस नोटिस पर 6 दिसंबर 2011 की तारीख है। लीक नोटिस के मुताबिक, सुरेश कलमाड़ी , जॉइंट सेकेटरी ललित भनोट और वी.के. वर्मा से सफाई मांगी गई है कि क्यों न उनकी आईओए और नैशनल स्पोर्ट्स फेडरेशन से सदस्यता रद्द कर दी जाए। इन तीनों का अगले आदेश तक प्रेजिडेंट, वाइज प्रेजिडेंट और जॉइंट सेकेटरी के पद से सस्पेंशन ऑर्डर जारी करते हुए आईओए ऑफिस परिसर में तक में घुसने से मना किया गया है।
एथिक्स कमिशन को सेक्रेटरी जनरल रणधीर सिंह ने जल्दबाजी में बनाया था, जिसे पिछले साल 15 दिसंबर को आईओए की जनरल बॉडी ने भंग कर दिया था। आईओए से जारी रिलीज के मुताबिक, एथिक्स कमिशन ने अभी तक एक भी मीटिंग नहीं की है, इसलिए इस तरह की कार्रवाई का कोई सवाल ही नहीं उठता। यहां तक कि बिना कारण बताओ नोटिस जारी किए ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती। कहने की जरूरत नहीं कि ऐसी कोई रिपोर्ट आईओए जनरल बॉडी के सामने पेश ही नहीं हुई। नोटिस को एथिक्स कमिशन के भंग किए जाने के 6 दिन पहले ही जारी किया गया है। आईओए पदाधिकारियों ने नोटिस को जाली और गैरकानूनी करार देते हुए जांच की मांग की है। सूत्रों के मुताबिक, आईओए के अंदरूनी राजनीति के कारण यह नोटिस लीक हुआ ताकि कलमाडी का विरोध करने वाला गुट उन पर पद छोड़ने के लिए दबाव बना सके।
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