अब पाकिस्तान में तानाशाही की उम्मीद नहीं: गिलानी

अब पाकिस्तान में तानाशाही की उम्मीद नहीं: गिलानी

 

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने तानाशाहों की सत्ता में वापसी की सम्भावनाओं को पूरी तरह खारिज कर दिया है। देश के पूर्व सैन्य शासकों को आड़े हाथ लेते हुए उन्होंने शुक्रवार को कहा कि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की शेखी बघारने वाले 'तानाशाह' जब सत्ता में थे, तब उन्होंने इस दिशा में कुछ नहीं किया। 

समाचार चैनल जियो टीवी के मुताबिक महिला विश्वविद्यालय के लाहौर कालेज में आयोजित दीक्षांत समारोह को सम्बोधित करते हुए गिलानी ने कहा, "स्थायित्व लाना सिर्फ सर्वशक्तिमान अल्लाह ताला के हाथ में है।"

उन्होंने कहा, "विपक्ष अपना काम कर रहा है और सरकार उसी ढर्रे पर चलेगी, जिसके लिए लोगों ने उसे जनादेश दिया है।"

पाक संसद खड़ी हुई लोकतंत्र के समर्थन में 
 

प्रधानमंत्री ने कहा, "हमें संविधान को बहाल कर शासन के अंगों को मजबूत करना है। आदालत के समक्ष मेरा पेश होना यह दर्शाता है कि हम न्यायपालिका का सम्मान करते हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि कि प्रत्येक संस्थान को संविधान के दायरे में रहकर काम करना चाहिए,

गौरतलब है कि गिलानी गुरुवार को यहां के सर्वोच्च न्यायालय में स्वयं उपस्थित हुए थे और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी का बचाव किया था। जरदारी अपनी पत्नी बेनजीर भुट्टो के दो बार प्रधानमंत्री रहने के दौरान भ्रष्टाचार के आरोपी हैं।

अदालत द्वारा पूछे जाने पर कि जरदारी के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं शुरू की गई, गिलानी ने सात सदस्यीय पीठ से कहा था कि संविधान राष्ट्रपति को ऐसे मामलों में छूट देता है।

मामले की अगली सुनवाई अब एक फरवरी को होगी। सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना के आरोप का सामना कर रहे 59 वर्षीय प्रधानमंत्री को तब तक के लिए राहत मिल गई है


© 2011All rights reserved for Dwarkeshvyas