इस्लाम धर्म के गुण

 इस्लाम धर्म के गुण

मुसलमान लोग यह गुमान क्यों करते हैं कि उन्हीं का धर्म सच्चा है? क्या उनके पास इसके संतोषजनक कारण हैं?

हर प्रकार की प्रशंसा और स्तुति अल्लाह के लिए योग्य है।

प्रिय प्रश्नकर्ता,

शुभ प्रणाम के बाद,

पहले पहल तो आप का प्रश्न एक ऐसे व्यक्ति की तरफ से जो इस्लाम धर्म में प्रवेश नहीं किया है उचित प्रतीक होता है, किन्तु जो आदमी इस धर्म को व्यवहार में ला चुका है, इसके अंदर जो चीज़ें हैं उन पर उसका विश्वास और आस्था है और वह उस के अनुसार कार्य कर रहा है, तो उसे पूर्णतया उस नेमत की मात्रा का पता है जिस में वह जीवन यापन कर रहा है और वह इस धर्म की छत्र छाया में रह रहा है, इसके बहुत सारे कारण हैं जिन में से कुछ निम्नलिखित हैं :

1- मुसलमान केवल एक माबूद (पूज्य) की उपासना करता है जिसका कोई साझीदार नहीं, जिसके सुंदर नाम और उच्चतम गुण हैं। चुनाँचि मुसलमान की दिशा और उसका उद्देश्य एक होता है, वह अपने पालनहार और सृष्टिकर्ता पर विश्वास रखता और उसी पर भरोसा करता है, और उसी से मदद, सहायता और समर्थन मांगता है, वह इस बात पर विश्वास रखता है कि उस का पालनहार हर चीज़ पर सक्षम और शक्तिवान है, उसे बीवी और बच्चे की आवश्यकता नहीं है, उस ने आसमानों और धरती को पैदा किया, वही मारने वाला, जिलाने वाला, पैदा करने वाला और रोज़ी देने वाला है। अत: मुसलमान बन्दा उसी से रोज़ी मांगता है। वह अल्लाह सुनने वाला क़बूल करने वाला है, अत: बन्दा उसी को पुकारता (दुआ करता) और क़बूलियत की आशा रखता है। वह अल्लाह तौबा स्वीकार करने वाला, क्षमा करने वाला दयावान् है


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