कर रहा है, जब वह खुद भारत से अपने संबंधों को सामान्य करने के लिए बातचीत चला रहा है। पाकिस्तान की प्रधानमंत्री हिना रब्बानी खर ने अपने पिछले चीन दौरे के दौरान कहा था कि भारत और पाकिस्तान को एक दूसरे के साथ रहना सीखना होगा। उन्होंने

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 वह यह का वैसे समय में कर रहा है, जब वह खुद भारत से अपने संबंधों को सामान्य करने के लिए बातचीत चला रहा है। पाकिस्तान की प्रधानमंत्री हिना रब्बानी खर ने अपने पिछले चीन दौरे के दौरान कहा था कि भारत और पाकिस्तान को एक दूसरे के साथ रहना सीखना होगा। उन्होंने अपने 25 अगस्त की बीजिंग घोषणा में इस बात को दुहराया था कि पाकिस्तान अपनी जमीन का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने में किसी को भी नहीं करने देगा। 
लेकिन जम्मू और कश्मीर से आ रही ताजा रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान अभी भी अपनी जमीन का इस्तेमाल भारत विरोधी आतंकी गतिविधियों के लिए होने दे रहा है। वह आतंकवादियों को भारत में घुसपैठ कराने में सहयोग कर रहा है। अपनी चीन यात्रा के दौरान पाकिस्तान की विदेशमंत्री को इस आरोप का सामना करना पड़ा था कि पूर्वी तुर्किस्तान इस्लामी आंदोलन ने चीन के झिनजियांग राय के कासघर में जो आतंकी हमला किया था, उसकी साजिश पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों के कैंपों में रची गई थी। पिछले कुछ समय से जम्मू और कश्मीर में जो कुछ भी हो रहा है, वह पाकिस्तान के दोमुंहेपन का पर्दाफाश कर देता है। भारत की खुफिया रिपोर्ट और सेना के अनुसार भारी संख्या में पाकिस्तान में प्रशिक्षित आतंकवादी जम्मू और कश्मीर में घुसपैठ कर रहे हैं। उसके कारण भारत के इस उत्तरी राय में आतंकवादियों के साथ सुरक्षा बलों की मुठभेड़ की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। पाकिस्तान नियंत्रण रेखा पर युध्द विराम का भी लगातार उल्लंघन कर रहा है। भारत में घुसपैठ कर रहे आतंकवादियों को कवर प्रदान करने के लिए पाकिस्तान की सेना ऐसा करती है। पिछले सप्ताह भारत की सेना ने घुसपैठ कर रहे 12 आतंकवादियों को मार गिराया गया था और उनके पास से भारी मात्रा में हथियार भी बरामद किए थे।  पाकिस्तान के जनरल मुशर्रफ ने पहली बार 1996 में भारत को यह भरोसा दिया था कि उनके देश की जमीन पर भारत विरोधी आतंकवादियों को संरक्षण नहीं मिलेगा, लेकिन दो साल पहले ही उन्होंने एक जर्मन पत्रिका को बताया कि पाकिस्तान में कश्मीरी आतंकवादियों को प्रशिक्षण दिया जाता है। जाहिर है पाकिस्तान द्वारा भारत को दिया जा रहा आश्वासन ढकोसला साबित होता है। 26 नवंबर को जब मुंबई में आतंकी हमला हुआ था, तो पाकिस्तान ने कहा था कि उसका इसमें कोई हाथ नहीं है। लेकिन बाद में उसे स्वीकार करना पड़ा कि वह हमला पाकिस्तानी जमीन से ही संचालित किया गया था। उसने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी। 
भारत की तो बात ही रहने दें। पाकिस्तान के ऊपर तो चीन और अमेरिका भी आरोप लगाता है कि उसके कारण उनके देशों में आतंकवादी गतिविधियों का खतरा बना रहता है। इसके कारण पाकिस्तान और अमेरिका के संबंध भी खराब हो रहे हैं। चीन को भी पाकिस्तान से यही शिकायत है कि उसके देश के इस्लामी आतंकी पाकिस्तान में ही प्रशिक्षण पा रहे हैं। 
पाकिस्तानी एजेंसियां न सिर्फ आतंकवादियों को प्रशिक्षित कर भारत में घुसपैठ करवा रही हैं, बल्कि उन्होंने तो अब कश्मीरी अलगाववादियों और वहां के धार्मिक नेताओ की हत्या करवानी भी शुरू कर दी है। मौलवी शौकात शाह की हत्या उन्होंने ही करवाई। उन्हें एक बम हमले में मार दिया गया। उस समय वे एक मस्जिद में जुम्मे की नमाज पढ़ने के लिए प्रवेश कर रहे थे। 
पाकिस्तान भारत के साथ शांति वार्ता चलाने के लिए बहुत उत्सुकता दिखाता है और उसके साथ साथ भारत में अशांति फैलाने की गतिविधियां भी चलाता रहता है। उसके इरादे नेक नहीं हैं। इसलिए भारत के वार्ताकारों को उसकी मंशा समझतें हुए उसके साथ बातचीत में हिस्सा लेना चाहिए।

 

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