गद्दाफ़ी को जाना होगा: ओबामा

 

गद्दाफ़ी को जाना होगा: ओबामा

विद्रोहियों को बमबारी के आगे मजबूर होकर पीछे हटना पड़ा है.

लीबिया में गद्दाफ़ी समर्थक फ़ौज ने विद्रोहियों पर बमबारी करके उन्हें पीछ हटने पर मजबूर किया है वहीं अमरीका और यूरोपीय संघ कर्नल गद्दाफ़ी पर सत्ता छोड़ने के लिए दबाव बढ़ा रहे हैं.

राजधानी त्रिपोली के पूर्व में स्थित तेल के शहर रास लानूफ़ में गद्दाफ़ी के लड़ाकू विमानों ने एक तेल रिफ़ाइनरी और विद्रोहियों की चौकी पर बमबारी की है.

शहर के अंदर भी गद्दाफ़ी समर्थक सैनिकों ने भारी लड़ाई छेड़ दी है और विद्रोहियों को मजबूर होकर पूरब की ओर और पीछे हटना पड़ा है.

एक बीबीसी संवाददाता का कहना है कि गद्दाफ़ी की सेना धीरे-धीरे लेकिन लगातार रास लानूफ़ में जीत की ओर बढ़ती दिख रही है.

उनका कहना है कि यदि उनकी जीत होती है तो वो बेनगाज़ी के और करीब आ जाएंगे जो अबतक विद्गोहियों के क़ब्ज़े में है.

दबाव बढ़ा

इस बीच अमरीका और यूरोपीय संघ कर्नल गद्दाफ़ी पर सत्ता छोड़ने के लिए दबाव बढ़ा रहे हैं.

राष्ट्रपति ओबामा ने वाशिंगटन में कहा है कि ये दुनिया का कर्त्तव्य बनता है कि वो लीबिया में रवांडा और बॉस्निया जैसे नरसंहार को रोकने के लिए कदम उठाए.

राष्ट्रपति ओबामा ने कहा है कि अमरीका गद्दाफ़ी को सत्ता से बाहर करने के लिए कई कदम उठाएगा.

उन्होंने कहा है कि अमरीका गद्दाफ़ी को सत्ता से बाहर करने के लिए कई कदम उठाएगा और वो एक विशेष दूत की नियुक्ति कर रहे हैं जो लीबिया में विपक्षी दलों से बात करेंगे.

ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ के 27 सदस्य देशों ने भी एलान किया है कि गद्दाफ़ी को सत्ता छोड़नी होगी.

लेकिन जो प्रस्ताव पारित हुआ है उसमें ये नहीं तय हो पाया है कि लीबिया को नो फ़्लाई ज़ोन घोषित किया जाए या नहीं.

इस बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून भी हिंसा को रोकने की कोशिशों के तहत एक विशेष दूत लीबिया भेज रहे हैं.

उन्होंने कहा है कि उनकी सबसे पहली प्राथमिकता उन लोगों तक मानवीय सहायता पहुंचाना है जो युद्ध की वजह से फंसे हुए हैं.

जॉर्डन के पूर्व विदेश मंत्री अब्देलिल्लाह अल खातिब को विशेष दूत बनाकर भेजा जा रहा है और अंदाज़ा है कि वो अगले हफ़्ते की शुरूआत में त्रिपोली पहुंच जाएंगे.


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