दिसंबर 2011 की अंतिम तिमाही के दौरान देश में सोने का आयात 44 प्रतिशत घटकर 157 टन रह गया है। इसकी मुख्य वजह रिकार्ड ऊंची कीमतों के कारण कमजोर पड़ती मांग को बताया गया है। सोने के ग्लोबल कारोबार पर नजर रखने वाली संस्था ‘विश्व स्वर्ण परिषद’ की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक पीली धातु की निवेश मांग 38 प्रतिशत घटकर 70 टन रह गई है।
ऊंची कीमतें सोने की मांग पर दबाव बनाए हुए
आयात में आई इस गिरावट से भारत को चीन के हाथों मात खानी पड़ी, लेकिन सालाना स्तर पर देश में सोने का कुल आयात अभी भी 1.1 प्रतिशत की बढ़त पर है। दुनिया में सोने के सबसे बडे़ खरीददार देश होने का खिताब अभी भी भारत के पास सुरक्षित है। विश्व स्वर्ण परिषद के अजय मित्रा ने कहा कि ऊंची कीमतें सोने की मांग पर दबाव बनाए हुए हैं। वर्ष 2012 में भी इसकी मांग स्थिर रहने की संभावना है क्योंकि इसे तेजी देने वाले कोई कारक फिलहाल नजर नहीं आ रहे हैं।
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