न्यायमूर्ति सेन ने हस्ताक्षरित इस्तीफा राष्ट्रपति को सौंपा (04:58:06 PM) 03, Sep, 2011, Saturday

न्यायमूर्ति सेन ने हस्ताक्षरित इस्तीफा राष्ट्रपति को सौंपा (04:58:06 PM) 03, Sep, 2011, Saturday

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नई दिल्ली । कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सौमित्र सेन ने शनिवार को अपने वकीलों के जरिए अपना त्यागपत्र राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील को सौंप दिया। इसके दो दिन पहले सेन ने अपना त्यागपत्र फैक्स के जरिए भेजा था। सेन के खिलाफ सोमवार को लोकसभा में महाभियोग प्रस्ताव पेश होने की सम्भावना है।

 

 

राष्ट्रपति की प्रवक्ता अर्चना दत्ता ने बताया, "उनके वकील आए और उन्होंने उनके (न्यायमूर्ति सेन) हाथ का लिखा त्यागपत्र सौंपा। राष्ट्रपति ने इसे स्वीकार कर लिया और उसे न्याय विभाग में भेज दिया। इस्तीफा नियमानुसार है।" सूत्रों के अनुसार, यदि किसी उच्च न्यायालय के न्यायाधीश द्वारा उचित प्रारूप में त्यागपत्र भेजा जाता है और वह राष्ट्रपति के नाम है तो वह तत्काल प्रभावी हो जाता है। सूत्रों ने कहा कि राज्यसभा द्वारा 18 अगस्त को सेन के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित किए जाने के बाद लोकसभा इस बारे में अंतिम निर्णय लेगी कि सेन के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही की जाए या नहीं। सूत्रों ने कहा, "यह अब लोकसभा पर निर्भर है कि वह उनके खिलाफ महाभियोग लाना चाहती है या नहीं।" न्यायमूर्ति सेन ने शुक्रवार को अपने त्यागपत्र की एक प्रति लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को भी भेजी थी।  महान्यायवादी जी.ई. वाहनवती ने स्पष्ट किया है कि इस्तीफे के बावजूद सेन के खिलाफ लोकसभा में प्रस्ताव लाया जा सकता है क्योंकि इस्तीफा उचित प्रारूप में नहीं है।  न्यायमूर्ति सेन को हटाए जाने का प्रस्ताव लोकसभा की सोमवार की कार्य सूची में भी शामिल है।  वाहनवती के कहने का मतलब शायद यह है कि न्यायमूर्ति सेन को राज्यसभा में महाभियोग प्रस्ताव लाए जाने से पहले ही इस्तीफा देना चाहिए था।  न्यायमूर्ति सेन को 1983 में 33.23 लाख रुपये का गबन करने का दोषी ठहराया गया है। उस समय वह वकील थे और उच्च न्यायालय ने उन्हें रिसीवर नियुक्त किया था।

 

 

 


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