फेमा में बदलाव को वित्त मंत्रालय से अनुरोध
केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक वित्त मंत्रालय अंतिम निर्णय लेने से पहले इस विषय में गृह मंत्रालय से भी विचार विमर्श करेगा। मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि इसके लिए कानून में बदलाव की जरूरत नहीं होगी। वित्त और गृह मंत्रालय की स्वीकृति के बाद सिर्फ एक अधिसूचना ही पर्याप्त होगी। एक बार अगर फेमा के नियमों में संशोधन होता है तो पूरी एफडीआई पॉलिसी पाकिस्तान पर भी लागू होगी। भारत में निवेश के लिए पाकिस्तानी कंपनियों से मिलने वाले प्रस्ताव भी विदेशी निवेश प्रोत्साहन बोर्ड से होकर आएंगे।
भारतीय कंपनियां भी पाक में निवेश को इच्छुक
गौरतलब है कि पाकिस्तान काफी समय से भारत सरकार से इस नीति में बदलाव लाने को कहता रहा है। कई भारतीय कंपनियां भी पाकिस्तान में संयुक्त उपक्रम खोलने की इच्छुक हैं। इसके लिए उन्होंने दोनों देशों से एक संस्थागत ढांचा तैयार करने का आग्रह किया था जो उनके निवेश को सुरक्षा प्रदान करे सके। वर्तमान में किसी भी भारतीय कंपनी ने पाकिस्तान में निवेश नहीं किया है।
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