लीबिया पर शनिवार रात और रविवार तड़के से जारी भीषण बमबारी और मिसाइल हमलों के बाद अमरीका ने कहा है अमरीका इस अभियान का हिस्सा तो रहेगा लेकिन वह गठबंधन सेनाओं का नेतृत्व ब्रिटेन, फ़्रांस या फिर नैटो को सौंप देगा.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव पारित किए जाने के बाद कर्नल गद्दाफ़ी के नेतृत्व वाली फ़ौजों और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर ये हमले हो रहे हैं.
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इन हमलों के दौरान अमरीका, फ़्रांस और ब्रिटेन की सेनाओं ने सौ से ज़्यादा मिसाइलें दागी है और एक हमले में तो राजधानी त्रिपोली में कर्नल गद्दाफ़ी का दफ़्तर भी ध्वस्त कर दिया है. लेकिन अमरीका ने कहा है कि वह कर्नल गद्दाफ़ी को निशाना नहीं बना रहा है.
इनका मक़सद लीबियाई सेना की ओर से कर्नल गद्दाफ़ी के ख़िलाफ़ विद्रोह कर रहे लोगों पर हो रहे हमलों को रोकना और लीबिया पर 'नो फ़्लाई ज़ोन' कायम करना है.
किसकी क्या भूमिका?
- ब्रिटेन: टाइफ़ून और टॉर्नेडो जेट लड़ाकू विमान, सरवेलेंस विमान, एचएमस विस्टमिंस्टर और कुम्बरलैंड पनडुब्बियाँ
- फ़्रांस: शुरुआती अभियान में मिराज और राफ़ेल जेट्स समेत 12 लड़ाकू विमान, युद्धपोत भी तैनात करेगा
- अमरीका: यूएसएस बैरी और स्टाउट युद्धपोतों से मिसाइलें दागीं, कमांड एंड कंट्रोल जहाज़ यूएसएस माउंट विट्नी
- इटली: नेपल्स में नैटो अड्डा मुख्य केंद्र, भू-मध्यसागर में अन्य अड्डे भी उपलब्ध करा रहा है
- कनाडा: छह एफ-18 लड़ाकू विमान और 140 सैनिक अभियान में भाग लेंगे
इस बीच अरब लीग ने कहा है कि पश्चिमी देशों के हमले 'नो फ़्लाई ज़ोन' लागू करने के मकसद से आगे बढ़ चुके हैं. लीग के महासचिव अम्र मूसा का कहना है कि अरब लीग लीबिया के नागरिकों की सुरक्षा चाहता है न कि उन पर ज़्यादा से ज़्यादा हवाई हमले.
ट्यूनिशिया और मिस्र में सरकार विरोधी प्रदर्शनों और सत्ता परिवर्तन के बाद, लगभग डेढ़ महीने पहले लीबिया में सरकार विरोधी प्रदर्शन शुरु हुए थे जिन्होंने बाद में कर्नल गद्दाफ़ी की सरकार के ख़िलाफ़ विद्रोह का रूप ले लिया था.
गद्दाफ़ी के विरोधी चाहते हैं कि 1969 से सत्ता में बने हुए कर्नल गद्दाफ़ी सत्ता छोड़ दें और लीबिया में व्यापक राजनीतिक सुधार शुरु हों.
असरदार कार्रवाई हुई: अमरीका
अमरीकी रक्षा मंत्री रोबर्ट गेट्स ने कहा है कि अमरीका इस सैन्य अभियान में अपनी भूमिका निभाता रहेगा लेकिन उसका नेतृत्व नहीं करेगा.
उनका कहना था, "मुझे लगता है कि नैटो की छत्रछाया में कार्रवाई करना अरब लीग के लिए एक संवेदनशील मुद्दा है. इसलिए सवाल ये है कि क्या हम नैटो फ़ोजों की कमान और उनका नियंत्रण इस तरह से बदल सकते हैं ये नैटो का अभियान न कहलाए या फिर उसके झंडे का इस्तेमाल न करे."
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गेट्स का कहना था कि लीबिया का विभाजन अस्थिरता पैदा करेगा. लीबिया के पूर्वी भाग ने गद्दाफ़ी के विरोधी ज़्यादा सक्रिय हैं लेकिन राजधानी त्रिपोली समेत पश्चिमी भाग में गद्दाफ़ी का बोलबाला है.
अमरीका ने कहा है कि इन हमलों में काफ़ी प्रगति हुई है और पश्चिमी सेनाओं ने लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलों वाले इलाक़े, जिन जगहों पर रेडार लगाए गए हैं और सैन्य हवाई अड्डों को निशाना बनाया है.
गद्दाफ़ी का दफ़्तर ध्वस्त
लीबिया पर शनिवार रात और रविवार तड़के से जारी भीषण बमबारी और मिसाइल हमलों के बाद अमरीका ने कहा है अमरीका इस अभियान का हिस्सा तो रहेगा लेकिन वह गठबंधन सेनाओं का नेतृत्व ब्रिटेन, फ़्रांस या फिर नैटो को सौंप देगा
अमरीकी रक्षा मंत्री रोबर्ट गेट्स
त्रिपोली में एक मिसाइल हमले में कर्नल गद्दाफ़ी की चार मंज़िला बाब अल अज़ीज़िया परिसर को ख़ासी क्षति पहुँची है. इसे कर्नल गद्दाफ़ी का सैन्य दफ़्तर बताया जाता है. ये स्पष्ट नहीं है कि इस हमले में कोई हताहत हुआ है या नहीं.
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अमरीकी रक्षा मुख्यालय पेंटागन का कहना है कि कर्नल गद्दाफ़ी को निशाना नहीं बनाया जा रहा है.
इससे पहले अमरीका ने गद्दाफ़ी की सरकार की ओर से दूसरी बार संघर्षविराम की पेशकश को ख़ारिज कर दिया.
अमरीकी राष्ट्रपति कार्यालय के प्रवक्ता टॉम डॉनिलोन ने कहा कि संघर्षविराम की घोषणा के तत्काल बाद ही लीबियाई सरकार ने उसका उल्लंघन कर दिया.
पूर्वी लीबिया के बेनग़ाज़ी से प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार रविवार देर रात भी वहाँ झ़ड़पें जारी थीं.
उधर क़तर ने घोषणा की है कि उसके चार लड़ाकू विमान इस अभियान में हिस्सा लेंगे. इस तरह से क़तर पहला अरब देश होगा जो इस अभियान का हिस्सा बनेगा.